प्रशांत किशोर ने बताया कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चल रहे चुनावों के परिणाम, साथ ही अगले दो वर्षों में होने वाले चुनावों, जैसे कि महाराष्ट्र, झारखंड, बंगाल और असम में मोदी सरकार की राजनीतिक स्थिरता पर असर डालेंगे.