प्रशांत किशोर ने कहा था कि आगामी चुनाव उनके लिए "अर्श या फर्श" हो सकते हैं, लेकिन उपचुनाव के परिणाम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनका राजनीतिक करियर एक चुनौतीपूर्ण मोड़ पर है. हालांकि, उन्होंने राज्य में पदयात्रा की है, लेकिन आम आदमी से जुड़ नहीं पाएं हैं.
इस बार चुनावी रणभूमि में बीजेपी के साथ शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) का गठबंधन है. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 105 सीटें जीतकर राज्य में एक मजबूत स्थिति बनाई थी. इस बार भी पार्टी ने अपनी रणनीति को मजबूत करने के लिए सहयोगियों के साथ तालमेल बिठाने पर जोर दिया है.