भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अखिलेश यादव को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल न होने के लिए घेरते रहे हैं, उन पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाते रहे हैं. लेकिन अब, सपा इटावा में इस शिव मंदिर के निर्माण का इस्तेमाल इन आरोपों का मुकाबला करने के लिए कर रही है.
इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है. इन कथावाचकों के पास दो-दो आधार कार्ड मिले हैं. दोनों आधार कार्ड का नंबर एक ही था और उन पर एक ही व्यक्ति की फोटो लगी थी, लेकिन नाम अलग-अलग थे. पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है.
इस कांड ने न सिर्फ सामाजिक तनाव बढ़ाया, बल्कि सियासी रंग भी चढ़ गया. समाजवादी पार्टी और बीजेपी एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने में जुट गए. SP का कहना है कि गगन बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं, जबकि बीजेपी उन्हें SP का समर्थक बता रही है. इस बीच, पुलिस और प्रशासन के लिए ये मामला सिरदर्द बना हुआ है.
ब्राह्मण समाज महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण दुबे ने इस मामले में कहा कि ये कथावाचक फर्जी आधार कार्ड बनवाकर खुद को ब्राह्मण बताते थे और लोगों को गुमराह करते थे.
अतुल की वापसी, खुला राज बुधवार सुबह जब अतुल घर लौटा, तो सबके होश उड़ गए. उसने पुलिस को अपनी पूरी कहानी सुनाई. अतुल ने बताया कि उसने सिर्फ अपनी प्रेमिका से रिश्ता खत्म करने के लिए ये कदम उठाया था. पुलिस क्षेत्राधिकारी राम गोपाल शर्मा ने बताया कि अतुल की गुमशुदगी के बाद मामला गंभीर हो गया था, लेकिन अब सच सामने आ चुका है.