किसी किरदार का नाम रखने का फैसला पूरी तरह से फिल्म निर्माताओं के हाथ में होता है, लेकिन भारत में कई निर्माता और निर्देशक रचनात्मक स्वतंत्रता के नाम पर लोगों, खासकर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाते रहे हैं. ऐसे मुद्दों को सख्ती से संभालने का समय आ गया है, क्योंकि ऐसा लगता है कि यह एक आदत बनती जा रही है.
अब सवाल उठता है कि आखिर 'दीदी' को क्या परेशान कर रहा है? ममता ने अचानक गठबंधन से अलग होकर अपना रास्ता क्यों तय किया है? शायद अब ममता बनर्जी को एहसास हो रहा है कि गठबंधन के साथी अपने-अपने एजेंडे पर काम कर रहे हैं.