साठ का दशक आते-आते कोल्हापुरी चप्पलें सिर्फ 'परंपरा' नहीं रहीं, बल्कि 'फैशन का नया सिंबल' बन गईं. युवा और शहर के लोग इन्हें पहनकर खुद को कूल महसूस करने लगे. बॉलीवुड फ़िल्मों में, मैगज़ीन के कवर पर, हर जगह इनकी धूम मच गई. ये ऐसी चप्पल बन गई जो ट्रेडिशनल कपड़ों के साथ भी जंचती थी और मॉडर्न लिबास के साथ भी.