राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि कर चोरी, अवैध कारोबार और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी
GST On Wedding Clothes: भारत में वेडिंग इंडस्ट्री करीब 4.5 लाख करोड़ रुपये की है, और इसमें लहंगे-गाउन का बड़ा हिस्सा है. टैक्स बढ़ने से बड़े ब्रांड्स तो कीमतें बढ़ाएंगे ही, छोटे दुकानदार भी इसका बोझ ग्राहकों पर डाल सकते हैं. लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये बढ़ोतरी लंबे समय में मार्केट को ज्यादा प्रभावित नहीं करेगी, क्योंकि शादी के लिए लोग दिल से खर्च करते हैं.
Minister Shivraj Singh Chouhan: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि GST में जो कटौती की गई है वह किसानों के लिए वरदान साबित होगी. किसानों को ट्रैक्टर-हार्वेस्टर समेत जैव-कीटनाशक और सूक्ष्म-पोषक तत्वों पर बड़ी बचत होगी.
कई बड़ी बीड़ी कंपनियां सैकड़ों करोड़ रुपये का कारोबार करती हैं. श्याम बीड़ी का टर्नओवर 200-205 करोड़ रुपये है और यह करीब 10,000 लोगों को नौकरी देती है. वहीं, 502 पटाखा बीड़ी ने 2023 में 1,400 करोड़ रुपये का कारोबार किया. देसाई बीड़ी ने वित्तीय वर्ष 2024 में 1,667.3 करोड़ रुपये की कमाई की.
वित्त मंत्री ने बताया कि यह काम अचानक नहीं हुआ. पिछले 18 महीनों से एक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) इस पर लगातार काम कर रहा था. इस ग्रुप ने 300 से भी ज़्यादा चीज़ों पर बारीकी से चर्चा की. उनका मकसद था आम जनता का बोझ कम करना.
जीएसटी हटने से पॉलिसीधारकों को तो फायदा होगा, लेकिन बीमा कंपनियों के लिए एक छोटी सी चुनौती भी है. पहले कंपनियां ग्राहकों से लिया गया जीएसटी अपने खर्चों, जैसे ऑफिस का किराया, मार्केटिंग, एजेंट कमीशन पर चुकाए गए टैक्स से समायोजित कर लेती थीं. अब जीएसटी खत्म होने से उन्हें यह इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) नहीं मिलेगा.
GST Reforms: खबरों के मुताबिक, टर्म इंश्योरेंस और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी पूरी तरह खत्म हो सकता है. इससे बीमा लेना और आसान हो जाएगा. हालांकि, कारों के मामले में थोड़ा मिश्रित असर दिखेगा. 4 मीटर तक की छोटी कारों पर 18% टैक्स बना रह सकता है, जबकि बड़ी गाड़ियों पर 40% टैक्स का प्रस्ताव है.
GST: स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने GST स्लैब में बदलाव की घोषणा की. आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन दिवाली से पहले नए GST रेट लागू हो सकते हैं.
GST Council Meeting: इस बार सरकार का फोकस सीधे आप और हम जैसे आम लोगों पर है. रोज़मर्रा की ज़रूरत की 99% चीज़ें, जो अभी 12% टैक्स स्लैब में हैं, उन्हें 5% के स्लैब में लाया जाएगा. यानी, किराने का सामान, कपड़े और दूसरी ज़रूरी चीज़ें सस्ती होंगी. इतना ही नहीं, इलाज भी अब जेब पर भारी नहीं पड़ेगा.