जीएसटी हटने से पॉलिसीधारकों को तो फायदा होगा, लेकिन बीमा कंपनियों के लिए एक छोटी सी चुनौती भी है. पहले कंपनियां ग्राहकों से लिया गया जीएसटी अपने खर्चों, जैसे ऑफिस का किराया, मार्केटिंग, एजेंट कमीशन पर चुकाए गए टैक्स से समायोजित कर लेती थीं. अब जीएसटी खत्म होने से उन्हें यह इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) नहीं मिलेगा.
Health Insurance: हेल्थ पॉलिसी लेने से पहले इन बातों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है ताकि बाद में किसी तरह की परेशानी न हो. हेल्थ इंश्योरेंस आज के समय की एक बहुत बड़ी जरूरत बन चुका है
Health Insurance: अभी, आपको अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18% GST देना पड़ता है. मान लीजिए, आपका सालाना प्रीमियम 20,000 रुपये है, तो इसमें 3,600 रुपये का GST जुड़ जाता है. यानी, आपको कुल 23,600 रुपये चुकाने पड़ते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार लगभग 70% आयुष के क्लेम रिजेक्ट हो रहे हैं. दरअसल, बीमा कंपनियां दस्तावेजों की कमी, अस्पष्ट उद्देश्यों और इलाज की मेडिकल नीड न होने जैसे तर्कों के आधार पर क्लेम खारिज कर रही हैं.
अगर आपको यह जानना है कि आपके पास कौन-कौन से अस्पताल हैं जो इस योजना से जुड़े हुए हैं, तो आयुष्मान भारत योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आप सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.