असम सरकार के इस फैसले के बाद AIUDF नेता अमीनुल इस्लाम ने कहा, "हम बाल विवाह के खिलाफ हैं. सरकार पिछले अधिनियम में कुछ प्रावधानों में संशोधन कर सकती थी, लेकिन उन्होंने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम और नियम, 1935 को निरस्त कर दिया."