जिस जमीन पर होर्डिंग लगाई गई थी वह कलेक्टर की जमीन है और संपत्ति कार्ड रिकॉर्ड के अनुसार यह महाराष्ट्र सरकार के पुलिस हाउसिंग कल्याण निगम के कब्जे में थी.