Bihar Election 2025: आज बिहार के पटना में कांग्रेस की 'पलायन रोको, नौकरी दो' यात्रा होनी है. जिसका नेतृत्व कन्हैया कुमार करेंगे. मगर इसमें तेजस्वी यादव शामिल नहीं होंगे.
अब बात करते हैं इंडिया गठबंधन के भविष्य की, जिसे दिल्ली चुनाव के बाद से लेकर कई बार सवालों के घेरे में देखा गया है. कांग्रेस और AAP के बीच के संघर्ष ने इस गठबंधन की एकजुटता और सामूहिक लक्ष्य को पूरी तरह से चुनौती दी है. जब दो प्रमुख दल आपस में लड़ रहे थे, तो भाजपा को इस लड़ाई में आसानी से फायदा हुआ और उसका राजनीतिक ग्राफ बढ़ा.
दिल्ली में कांग्रेस के सामने अब दोहरा संकट है – एक ओर जहां AAP और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर होगी, वहीं दूसरी ओर पार्टी को INDIA गठबंधन से भी बाहर होते हुए अपनी राह खुद तय करनी होगी. कांग्रेस के नेताओं को यह विचार करना होगा कि किस तरह से वे अपनी खोई हुई ताकत को फिर से हासिल कर सकते हैं.
कांग्रेस को यह दबाव पहले से महसूस हो रहा था, लेकिन ममता के बयान ने इसे और भी बढ़ा दिया. कई अन्य प्रमुख नेता जैसे अखिलेश यादव, शरद पवार, लालू यादव और अरविंद केजरीवाल भी ममता के पक्ष में नजर आ रहे हैं.
गठबंधन में नेतृत्व को लेकर यह विवाद कांग्रेस पार्टी के लिए नई चिंता का विषय बन गया है. पिछले लोकसभा चुनावों में जहां कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ मजबूत स्थिति बनाई थी, वहीं कुछ राज्यों जैसे हरियाणा और महाराष्ट्र में पार्टी के प्रदर्शन में गिरावट देखने को मिली.
INDIA Alliance: एनसीपी नेता शरद पवार ने ममता बनर्जी के बयान का समर्थन किया है. शरद पवार के अलावा आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी ममता बनर्जी के बयान का समर्थन किया है.
टीएमसी ने जहां अपने उपचुनावों में शानदार जीत हासिल की है, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को एक-एक कर मुंह की खानी पड़ी. जब कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अपनी जमानत तक खो दी, तो ममता ने यह साफ कर दिया कि उन्हें अपनी पार्टी की बढ़ती ताकत और BJP के खिलाफ एक सशक्त विपक्ष की जरूरत है.
इस चुनावी माहौल में महाविकास अघाड़ी (MVA) ने 288 सीटों के लिए सीट बंटवारे का फॉर्मूला तैयार कर लिया है. सूत्रों के अनुसार, गठबंधन में सभी दलों के बीच 85-85 सीटों पर चर्चा हो चुकी है. लेकिन इस दौरान समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इंडी गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है.
कहना सही होगा कि नैरेटिव के जिस धुरी पर पहले हम जहां बीजेपी को देखते थे, अब वहां कांग्रेस विराजमान हो गई है. जिस आईटी सेल के ज़रिए बीजेपी नए कंटेंट के साथ हल्ला बोलती थी, वह अब बासी और पुराना हो चुका है. जनता को कांग्रेस का कंटेंट नया लग रहा है.
दिल्ली कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ''वरिष्ठ नेताओं, पूर्व विधायकों और ब्लॉक और जिला अध्यक्षों सहित हमारे सभी नेताओं ने दिल्ली में हमारी हार के कारणों पर चर्चा की है. हमारे उम्मीदवारों ने लगातार उल्लेख किया है कि AAP ने चुनाव के दौरान सहयोग नहीं किया.