भारत की जीडीपी भले बढ़ रही हो, लेकिन इसका फायदा सबको बराबर नहीं मिल रहा. 2011-12 में 27% लोग गरीबी रेखा के नीचे थे, और आज भी 24% लोग गरीबी में जी रहे हैं. यानी हालात में बहुत बदलाव नहीं आया. पढ़े-लिखे युवाओं को नौकरी मिलना मुश्किल है. जो नौकरियां मिलती भी हैं, उनमें तनख्वाह और काम की गुणवत्ता अक्सर खराब होती है.
वर्तमान वित्त वर्ष के पहले 9 महीने में हमारे देश की अर्थव्यवस्था ने तगड़ा ग्रोथ हासिल किया है. SBI की रिपोर्ट के मुताबिक़ चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीने में भारतीय कंपनियों ने 32 लाख करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट की घोषणा की हैं.