दोनों देशों के संयुक्त बयान में कहा गया कि केवल इन संगठनों के नामों पर ही कार्रवाई काफी नहीं है. आतंकी संगठनों को फंडिंग करने वालों, प्रायोजकों, समर्थकों और नेटवर्क तक की पहचान और कार्रवाई जरूरी है.