बताया जा रहा है कि सज्जाद गनी का इस्तीफा सिंधु जल संधि को लेकर नागरिक प्रशासन और सेना के बीच चल रही तनातनी का नतीजा है. सूत्रों की मानें तो WAPDA और पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के भीतर भी इस मुद्दे पर असहमति थी.
बतौर लोकतंत्र भारत और कनाडा की हैसियत काफ़ी पुरानी और दुनिया में प्रासंगिक रही हैं. आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में दोनों देशे के पहले संबंध काफ़ी घनिष्ठ और टिकाऊ माने जाते रहे हैं. आज की तारीख में कनाडा में 1.8 मिलियन से अधिक भारतीय प्रवासी, विशेषकर डॉक्टर, इंजीनियर और छात्र, अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.
पीएम मोदी का साइप्रस दौरा सिर्फ एक साधारण यात्रा नहीं थी, बल्कि भारत की एक बहुत ही स्मार्ट कूटनीतिक चाल थी. यह परोक्ष रूप से तुर्की के क्षेत्रीय प्रभाव को चुनौती दे रही है, खासकर तुर्की-पाकिस्तान की धुरी को देखते हुए. यह दिखाता है कि भारत अब सिर्फ बातें नहीं कर रहा, बल्कि जमीनी स्तर पर भी अपनी ताकत बढ़ा रहा है.
भारत के ईरान और इजरायल दोनों के साथ अच्छे व्यापारिक संबंध हैं. हम इजरायल को कई चीजें बेचते हैं और उनसे रक्षा उपकरण, ड्रोन जैसी तकनीक खरीदते हैं. वहीं, ईरान से तेल, सूखे मेवे जैसी चीजें आती हैं.
यहीं पर आती है भारत की बढ़ती 'धाक' की बात. G-7 की मेजबानी करने वाला देश अपनी मर्जी से कुछ अन्य देशों को आमंत्रित करता है जो समूह का हिस्सा नहीं होते. 2019 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल बतौर मेहमान G-7 देशों की बैठक में हिस्सा लेते आए हैं.
आखिर भारत ने ये कमाल कैसे किया? जवाब है सरकार की दूरदर्शी नीतियां और योजनाएं. पीएम आवास योजना ने लाखों लोगों को पक्का घर दिया, पीएम उज्ज्वला योजना ने गरीब महिलाओं को साफ-सुथरा रसोई गैस कनेक्शन मुहैया कराया. जन धन योजना ने करोड़ों लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा, तो आयुष्मान भारत ने मुफ्त इलाज की सुविधा देकर गरीबों की जिंदगी आसान की.
चीन, रूस और अमेरिका के अलावा, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, इजराइल, भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया भी परमाणु हथियारों की लिस्ट में हैं. खास तौर पर उत्तर कोरिया की हरकतों ने अमेरिका और यूरोप के देशों को परेशान कर रखा है. किम जोंग-उन का देश भी तेजी से परमाणु हथियार बना रहा है, जिससे वैश्विक तनाव और बढ़ रहा है.
Caste Census: जातीय जनगणना के लिए तारीखों का ऐलान हो गया है. देश भर में 16 जून से जातीय जनगणना शुरू होगी, जिसके लिए गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दी है.
ट्रंप का ये फैसला सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि अमेरिका के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर सकता है. अमेरिका में स्टील की कीमतें पहले ही 984 डॉलर प्रति टन हैं, जो यूरोप (690 डॉलर) और चीन (392 डॉलर) से कहीं ज्यादा हैं. नए टैरिफ के बाद ये कीमतें 1,180 डॉलर तक पहुंच सकती हैं.
मेघालय और मिजोरम में भी कोहराम मेघालय के चेरापूंजी और मासिनराम में एक दिन में 47 सेंटीमीटर बारिश हुई. भूस्खलन, बिजली गिरने और डूबने की घटनाओं में सात लोग मारे गए, जिनमें तीन बच्चे शामिल हैं. मिजोरम में छह लोगों की मौत हुई, जिसमें तीन म्यांमार के नागरिक भी थे.