अमित शाह ने साफ तौर पर कहा, "इस देश में अंग्रेजी बोलने वाले जल्द ही शर्मिंदा महसूस करेंगे. ऐसे समाज का निर्माण अब दूर नहीं है. केवल वही लोग बदलाव ला सकते हैं जो दृढ़ निश्चयी हैं."