चुनावों के अलावा, देश में ऐसे भी मुद्दे रहे जो सुर्खियों में रहे. इन मुद्दों में संविधान, आरक्षण से लेकर अडानी के मुद्दे पर संसद में जारी हंगामा तक शामिल रहा.
अमर सिंह ने एक सशक्त और विस्तृत नेटवर्क तैयार किया, जिसमें उन्होंने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन को राजनीतिक समर्थन दिलवाया. यह एक कड़ी राजनीतिक चतुराई और सहयोग का परिणाम था, जिसे उन्होंने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर किया.
उस समय येचुरी जेएनयू में पढ़ रहे थे.उन्होंने आपातकाल का विरोध करने के लिए संयुक्त छात्र महासंघ बनाया था. संगठन के बैनर तले येचुरी ने आपातकाल के खिलाफ इंदिरा के घर तक विरोध मार्च भी निकाला था.जब इंदिरा ने विरोध का कारण पूछा तो येचुरी ने ज्ञापन पढ़ना शुरू कर दिया.
जब सदन में सभी राजनीतिक दल स्पष्ट बहुमत प्राप्त करने में विफल रहते हैं तो राष्ट्रपति का हस्तक्षेप आवश्यक हो जाता है.