भारत के संविधान ने जनजातीय समाज को राजनीतिक एवं सामाजिक रूप से एक ओर जहां सशक्त बनाया है. वहीं आज वह राजनीति व प्रशासन में सर्वोच्च पदों पर विराजमान है.