पंडाल की डिजाइन दक्षिण भारत के मंदिरों की तर्ज पर तैयार गई है. आंध्र प्रदेश और देश के कई हिस्सों से आए 500 से ज्यादा कलाकार पिछले तीन महीने से यहां दिन-रात मेहनत कर रहे हैं.