इजरायल को अपनी रक्षा का हक G7 देशों, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका ने अपने साझा बयान में दिल खोलकर इजरायल के साथ खड़े होने की बात कही. उन्होंने साफ कहा कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है.
साल 1979 में ईरान में एक बड़ी क्रांति हुई. राजा का शासन खत्म हो गया और अयातुल्ला खुमैनी के नेतृत्व में एक इस्लामिक सरकार आई. इस नई सरकार ने इजरायल को अपना सबसे बड़ा दुश्मन घोषित कर दिया. उन्होंने कहा कि इजरायल ने जबरदस्ती फिलिस्तीनी ज़मीन पर कब्ज़ा किया है, और वे फिलिस्तीनियों का समर्थन करेंगे.
भारत के ईरान और इजरायल दोनों के साथ अच्छे व्यापारिक संबंध हैं. हम इजरायल को कई चीजें बेचते हैं और उनसे रक्षा उपकरण, ड्रोन जैसी तकनीक खरीदते हैं. वहीं, ईरान से तेल, सूखे मेवे जैसी चीजें आती हैं.
चीन और ईरान का रिश्ता कोई नया नहीं है. दोनों देशों के बीच रणनीतिक और सैन्य सहयोग का लंबा इतिहास रहा है. चीन पहले ही साफ कर चुका है कि वो इस जंग में ईरान के साथ खड़ा है.
इजराइल के हमलों से बौखलाए ईरान ने तुरंत बड़ा कदम उठाया. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने ऐलान किया कि अमेरिका के साथ चल रही परमाणु वार्ता को तत्काल रद्द किया जाता है. ये वार्ता पिछले एक महीने से चल रही थी, जिसमें ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगाने की कोशिश हो रही थी.
ईरान ने तेल अवीव पर जबरदस्त हमला बोला और उनकी कुछ मिसाइलें रिहाय़शी इलाकों में भी गिरीं. अब इस हमले के बाद एक बार फिर इजरायल ने ईरान पर जवाबी हमला किया है.
इजरायल की थल सेना के पास 1,370 टैंक हैं, जिनमें ज्यादातर मर्कवा टैंक हैं. ये टैंक मध्य पूर्व के युद्धों के लिए खास तौर पर डिजाइन किए गए हैं. इसके अलावा 43,407 बख्तरबंद वाहन और 150 रॉकेट आर्टिलरी सिस्टम हैं.
Israel-Iran War: इजरायल के परमाणु अटैक से बौखलाए ईरान ने शुक्रवार रात को इजरायल पर 150 मिसाइलें दाग दीं. इस हमले के बाद इजरायल ने भी पलटवार किया है.
इजरायल और ईरान के बीच तनातनी काफी समय से चल रही है. इस बीच, इजरायल को खुफिया रिपोर्ट मिली थी कि ईरान परमाणु बम बनाने की तैयारी कर रहा है.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत में पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. अरब के 2 ताकतवर मुस्लिम देश ईरान और सऊदी अरब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं.