Donald Trump: ट्रंप ने दावा करते हुए कहा कि भारत और पाक के बीच युद्ध को रोकने के लिए मैंने कहा कि आपके पास एटम वैपन हैं. अगर आप लोग युद्ध नहीं रोकते हैं तो 100, 150 और 200 फीसदी टैरिफ लगा दूंगा. मैंने टैरिफ नहीं लगाए होते तो युद्ध नहीं रुकता
Donald Trump: ट्रंप ने हमास से कैदियों को छोड़ने के लिए कहा था. यूएस प्रेसिडेंट की धमकी के 6 घंटे बाद हमास सीजफायर के लिए राजी हो गया है. सभी कैदियों को छोड़ने पर सहमत हो गया है और गाजा प्रशासन छोड़ने को तैयार हो गया है
इजरायल और हमास के बीच जंग करीब दो साल से जारी है. इजरायल ने गाजा के अधिकतर हिस्सों को खंडहर में तब्दील कर दिया है.
इजरायल ने ईरान में युद्ध की स्क्रिप्ट जनवरी 2018 में ही लिख दी थी. जनवरी की एक रात मोसाद के जासूसों ने तेहरान के बाहर एक खुफिया गोदाम में घुसकर ईरान के परमाणु दस्तावेज चुरा लिए थे. ये दस्तावेज एक बड़े कमरे में रखी 32 विशालकाय तिजोरियों में बंद थे, जिनकी ऊंचाई 2.7 मीटर थी.
Israel Iran war: युद्ध शुरू होते ही मोसाद ने ईरान में आईआरजीसी कमांडर्स और न्यूक्लियर वैज्ञानिकों को टारगेट करना शुरू कर दिया.
इजरायल और ईरान के बीच यह जंग आज 10वें दिन में प्रवेश कर चुकी है. इन 10 दिनों में दोनों देशों को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रहा. इस संघर्ष ने तीसरे विश्व युद्ध की आशंकाओं को भी बढ़ा दिया है.
मोसाद की योजना थी कि सद्दाम को किसी सार्वजनिक जगह पर मारा जाए, ताकि इससे इराक और बाकी देशों को एक कड़ा संदेश मिले. उन्होंने फैसला किया कि सद्दाम पर हमला तब किया जाएगा जब वो किसी भीड़ वाली जगह पर मौजूद हों. इस बेहद मुश्किल और खतरनाक काम के लिए इजरायल की सबसे खास और काबिल कमांडो यूनिट सायरेट मटकल (Sayeret Matkal) को चुना गया.
ईरान में सत्ता परिवर्तन कराना अमेरिका का एक पुराना एजेंडा रहा है, जिसकी मुख्य वजहें ईरान का परमाणु कार्यक्रम, मध्य पूर्व में उसका बढ़ता क्षेत्रीय प्रभाव और मानवाधिकारों की स्थिति हैं. अमेरिका इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आमतौर पर आर्थिक प्रतिबंधों को मुख्य हथियार बनाता है, ताकि ईरान की अर्थव्यवस्था कमजोर हो और जनता में असंतोष बढ़े.
Israel Iran War: ट्रंप ने जी-7 समिट के बीच लौटने के बाद बड़ा बयान दिया और कहा कि अमेरिका का धैर्य समाप्त हो रहा है. ईरान न्यूक्लियर हथियार नहीं रख सकता है.
सैन्य खुफिया निदेशालय और इजरायली एयर फोर्स के संयुक्त अभियान में कमांड सेंटर को टारगेट करते हुए हवाई हमला किया गया, जिसमें अली शादमानी की मौत हो गई.