ISRO के प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ ने पहले ही बताया था कि चंद्रयान-4 को एक बार में लॉन्च नहीं किया जाएगा. इसे दो हिस्सों में अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और फिर वहां पर मॉड्यूल्स को आपस में जोड़ा जाएगा. इस तकनीक का उपयोग भविष्य में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) बनाने के लिए भी किया जाएगा, जो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का एक अहम हिस्सा होगा.
Chandrayaan-3: प्रज्ञान रोवर ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सल्फर की उपस्थिति की पुष्टि की है. इसके अलावा, चांद की सतह पर सिलिकॉन, आयरन, कैल्शियम और एल्युमिनियम जैसे तत्व पाए जाने की पुष्टि भी हुई.
एक्सिओम-4 मिशन के चालक दल में अमेरिका की पैगी व्हिटसन (कमांडर), भारत के ग्रुप कैप्टन शुक्ला (पायलट), पोलैंड के सालावोस उज़्नान्स्की (मिशन विशेषज्ञ) और हंगरी के टिबोर कपू (मिशन विशेषज्ञ) शामिल होंगे.
रिपोर्ट के मुताबिक, मलबा इरुवाईफुझा नदी के किनारे लगभग 8 किलोमीटर तक बह गया है. इससे नदी की दिशा बदल गई है. इसरो के मुताबिक, अतीत में भी इस इलाके में लैंडस्लाइड की घटना घट चुकी है.
इसरो ने एक बयान में कहा,"'पुष्पक' नामक वाहन को भारतीय वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से 4.5 किमी की ऊंचाई पर छोड़ा गया था."
ISRO की मानें तो हिमालय में 2431 झीलें ऐसी हैं, जो आकार में 10 हेक्टेयर से बड़ी हैं. जबकि 1984 से अब तक 676 झीलें ऐसी हैं, जिनके क्षेत्रफल में फैलाव हुआ है.
Gaganyaan Mission: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की घोषणा की थी.
ये ग्राउंड क्वालिफिकेशन टेस्ट इसलिए जरूरी होता है ताकि इंजन ठीक से काम करेगा या नहीं?
इससे मौसम संबंधी चुनौतियों के लिए बेहतर तैयारियों को सक्षम करके कृषि, विमानन और आपदा प्रबंधन सहित विभिन्न क्षेत्रों को महत्वपूर्ण लाभ होने की उम्मीद है.
Ram Mandir: ISRO द्वारा अंतरिक्ष से ली गई राम मंदिर की तस्वीर अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.