पिछले साल दिसंबर में जगदीप धनखड़ ने एक समारोह में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सार्वजनिक रूप से किसानों के मुद्दों पर घेरा था. उन्होंने सरकार की किसान नीति की सबके सामने आलोचना की थी. हालांकि, बाद में जब शीर्ष मंत्रियों ने उनसे मुलाकात की तो उन्होंने अगले ही दिन शिवराज सिंह चौहान को सदन में किसानों का सबसे बड़ा शुभचिंतक बता दिया.
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि जगदीप धनखड़ विदेश यात्राओं के दौरान राष्ट्रपति जैसे प्रोटोकॉल की उम्मीद करते थे और कई बार ये जता भी चुके थे.
Vice President Resign: भारत के इतिहास में धनखड़ से पहले केवल दो उपराष्ट्रपतियों ने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा दिया था.
संविधान के नियम कहते हैं कि उपराष्ट्रपति का पद खाली होने के बाद 60 दिनों के अंदर नया चुनाव हो जाना चाहिए. इसका मतलब है कि सितंबर 2025 तक हमें देश का नया उपराष्ट्रपति मिल सकता है.
Jagdeep Dhankhar: धनखड़ के इस्तीफे पर RJD सांसद मनोज झा की प्रतिक्रिया भी आई है और उन्होंने सत्र के बीच इस्तीफे को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया है.
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि कांग्रेस का यह कदम रणनीतिक हो सकता है. धनखड़ का इस्तीफा बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है, और कांग्रेस इसे भुनाने की कोशिश में है. साथ ही, धनखड़ की किसान पृष्ठभूमि को देखते हुए कांग्रेस जनता में यह संदेश देना चाहती है कि वह किसानों के साथ है.
धनखड़ का इस्तीफा भारतीय इतिहास में तीसरा ऐसा मौका है जब किसी उपराष्ट्रपति ने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले पद छोड़ा है. पहले वी.वी. गिरी और आर. वेंकटरमण ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया था. नियमों के अनुसार, अगले छह महीने के भीतर नए उपराष्ट्रपति का चुनाव करना अनिवार्य होगा.
Jagdeep Dhankhar: भारत के उपराष्ट्रपति ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. यह इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन के बाद आया, जिसने राजनीतिक हलकों में तूफान खड़ा कर दिया है.
Jagdeep Dhankhar: धनखड़ ने हमेशा अपनी राय स्पष्टता के साथ रखी, जिसके कारण वे कई विवादों में भी घिरे. उनके अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है.
Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा- 'संसद सर्वोच्च है और सांसद यह तय करने का अंतिम अधिकार रखते हैं कि संविधान कैसा होगा, उनके ऊपर कोई भी नहीं हो सकता.'