चिराग ने कहा कि जल्द ही एक योजना तैयार की गई. 15 जून की शाम को जैन समुदाय के 25 लोगों की एक टीम बनाई गई. पैसे के लिए एक व्हाट्सएप संदेश बनाया गया.