अब सवाल यह है कि उमर अब्दुल्ला अपनी पारिवारिक सीट गांदरबल पर अपनी पकड़ बनाए रख पाएंगे या नहीं, और कांग्रेस जम्मू में अपने प्रदर्शन को कैसे सुधार पाएगी. चुनावी नतीजे ही इन सवालों का जवाब देंगे, लेकिन फिलहाल, सभी की निगाहें उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस के आगे की रणनीति पर टिकी हैं.