महबूबा मुफ्ती यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही हैं कि उनकी बेटी इल्तिजा राजनीति में आए और उनकी राजनीतिक उत्तराधिकारी बने. उन्हें अच्छी तरह पता है कि लोकसभा चुनाव हारने से उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है और अगर वह विधानसभा चुनाव लड़ती हैं और हार जाती हैं, तो इससे उनकी बेटी के भविष्य को नुकसान हो सकता है.