Jammu-Kashmir: सेना के काफिले पर घात लगाकर किए गए हमले के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके में ऑपरेशन शुरू किया था. जिसमें अब तीन आतंकवादियों को मार दिया गया है. मारे गए आतंकियों के पास से सेना को हथियार और गोला-बारूद भी मिले हैं.
जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है. इस याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर UT को जल्द से जल्द पूर्ण राज्य का दर्जा देना चाहिए.
भारतीय सेना की कुपवाड़ा इकाई ने घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव कार्य किया. सेना के जवानों ने स्थानीय लोगों की मदद से इलाके को खाली कराया और सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला.
यदि भविष्य में केंद्र सरकार के साथ किसी प्रकार का टकराव होता है, तो उमर अब्दुल्ला इस स्थिति में होंगे कि वे बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा सकें.
Mehbooba Mufti: पूर्व सीएम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में शांतीपूर्ण और आतंक मुक्त चुनाव संपन्न हुए हैं. अब ऐसी त्वरित प्रतिक्रिया से दूसरे राज्यों में काम करने और पढ़ने वाले कश्मीरियों के खिलाफ भी नाराजगी हो सकती है.
बता दें कि आतंकी हमला तब हुआ जब, रविवार, 20 अक्टूबर को जब मजदूर और कर्मचारी सुरंग निर्माण स्थल से अपने शिविर लौट रहे थे. इस कायराना हरकत ने न केवल निर्दोष लोगों की जान ली, बल्कि कश्मीर में एक बार फिर से अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया.
4 नवंबर को नवनिर्वाचित जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र शुरू होगा. इस प्रकार, कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा लौटाने का प्रस्ताव पेश किया है.
यह ध्यान देने योग्य है कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मिलकर जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ा था और दोनों दलों की संयुक्त जीत ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 6 सीटें जीती थीं.
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने इंजीनियर राशिद की अंतरिम जमानत को 3 दिनों के लिए बढ़ा दिया है. अब वह 15 अक्टूबर को दिल्ली के तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण करेंगे.
2019 में अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद उमर अब्दुल्ला सरकार के खिलाफ एक सशक्त आवाज़ बने. वे लंबे समय तक नजरबंद भी रहे, लेकिन उनका संघर्ष जारी रहा. अब, जब वे दोबारा मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं, तो उनके सामने नई चुनौतियां होंगी.