फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी की 2015 में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार को बड़ा मुद्दा बना सकती है. एनसी के अनुसार, इस गठबंधन के कारण अगस्त 2019 की घटनाएं हुईं, जब जम्मू-कश्मीर ने अपना विशेष दर्जा खो दिया.
भारतीय सेना की चिनार कोर के अनुसार, कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया, जबकि कुपवाड़ा के तंगधार सेक्टर में 1 आतंकी को मार गिराया गया.
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने घोषणापत्र का मसौदा तैयार करने के लिए जम्मू-कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ नेता अब्दुल रहीम राथर के नेतृत्व में एक समिति बनाई थी.
जम्मू-कश्मीर में इस बार चुनाव से सरकार तो बनेगी लेकिन उसके पास पहले की तरह पावर नहीं होंगे. कश्मीर अभी केंद्र शासित प्रदेश हैं और वहां पर उपराज्यपाल के पास कई सारी शक्तियां हैं.
अधिकारियों ने बताया कि जंगल में छिपे आतंकवादियों ने तलाशी दलों को देखते ही अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद भीषण मुठभेड़ शुरू हो गई.
5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने बड़ा संवैधानिक बदलाव करते हुए अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया था, इससे न केवल जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म हुआ, बल्कि इसे केंद्र शासित प्रदेश में भी बदल दिया गया.
इससे पहले भी जम्मू कश्मीर के रजौरी और रियासी में दो अलग- अलग सड़क दुर्घटनाओं में 6 लोगों की मौत हुई थी. पीटीआई के अनुसार, 21 जुलाई को थांडीकासी से लाम जा रही आठ लोगों को ले जा रही एक टैक्सी राजौरी के चालन गांव के पास एक पहाड़ी सड़क से गिर गई.
जम्मू-कश्मीर में लगातार बढ़ती आतंकी घटनाओं पर लोकसभा में नेता विपक्ष ने कहा कि एक के बाद एक ऐसी भयानक घटनाएं बेहद दुखद और चिंताजनक है.
डोडा के कास्तीगढ़ इलाके में गुरुवार तड़के सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई. एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल गोलीबारी बंद हो गई है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डोडा जिले में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक अधिकारी समेत पांच जवान शहीद हो गए हैं.