Sampoorna Kranti: जेपी का सपना था एक ऐसा भारत, जहां भ्रष्टाचार और अन्याय न हो. लेकिन वो खुद कभी सत्ता का हिस्सा नहीं बने. न उन्होंने कोई चुनाव लड़ा, न ही कोई पद स्वीकार किया. एक बार पंडित नेहरू के बाद प्रधानमंत्री के लिए उनके नाम की चर्चा हुई, लेकिन जेपी ने साफ मना कर दिया. वो कहते थे, “मेरा काम जनता को जागृत करना है, सत्ता में बैठना नहीं.”