Bihar Elections 2025: टिकट बंटवारे का ड्रामा यहीं खत्म नहीं हुआ. कुर्था सीट पर JDU के संभावित उम्मीदवार पप्पू वर्मा के नाम पर बवाल मच गया. पूर्व विधायक स्वर्गीय सत्यदेव सिंह की पत्नी रिंकू कुशवाहा इस फैसले से इतनी नाराज हैं कि वो नीतीश के घर के बाहर धरने पर बैठ गईं. दूसरी तरफ, JDU के मौजूदा विधायक गोपाल मंडल भी नीतीश के आवास के सामने धरना दे रहे हैं.
Bihar Election 2025: लोकसभा चुनाव 2024 में NDA ने बिहार में शानदार प्रदर्शन किया था. BJP ने 17, JDU ने 16, LJP ने 5, और HAM-RLM ने 1-1 सीट पर लड़कर अच्छा प्रदर्शन किया था. अब विधानसभा में नीतीश की JDU को बड़ी जिम्मेदारी मिली है, और वो गठबंधन को जीत की ओर ले जाने के लिए तैयार हैं.
Vijay Shah Controversy: बीजेपी के सहयोगी दलों ने शाह के विवादित बयान का विरोध किया है. JDU और LJP(R) ने शाह के इस बयान पर कड़ा ऐतराज जताया है.
वक्फ संशोधन बिल को लेकर विपक्ष और मुस्लिम संगठन केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. बिहार में JDU के कई मुस्लिम नेताओं ने बिल का खुलकर विरोध किया था, कुछ ने तो इस्तीफे की धमकी भी दी. पार्टी हाईकमान ने सोचा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस से सब ठीक हो जाएगा, लेकिन उल्टा नुकसान हो गया.
बिहार में यादव, EBC (अति पिछड़ा वर्ग), और ऊंची जातियों के वोटर नीतीश का मजबूत आधार हैं. वक्फ बिल के बहाने अगर हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण हुआ, तो बीजेपी और JDU मिलकर इन वोटों को अपने पाले में कर सकते हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश इसे 'प्रशासनिक सुधार' का नाम दे सकते हैं.
टीडीपी के इन संशोधनों को स्वीकार किए जाने के बाद पार्टी ने विधेयक के समर्थन में मतदान करने का फैसला किया है. पार्टी का मानना है कि ये बदलाव वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और पारदर्शिता को बेहतर बनाएंगे. उधर, जेडीयू के सुझावों को भी विधेयक में जगह मिलने से संकेत मिल रहे हैं कि नीतीश कुमार की पार्टी भी इस बिल के पक्ष में खड़ी हो सकती है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 29 और 30 मार्च को गोपालगंज में सहकारिता मंत्रालय की बैठक में शामिल होने वाले हैं. इस यात्रा में वह एनडीए के सभी साझेदारों के साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे. इस बैठक का उद्देश्य गठबंधन की साझा रणनीति को लागू करना है.
वीरेंद्र सिंह ने अपने पत्र में कहा कि जेडीयू के 5 विधायक पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं. इसके अलावा, मणिपुर विधानसभा में जेडीयू का एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर भी विपक्षी खेमे में शामिल हो गए हैं.
सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने दो दिनों पहले ही ऐलान किया था कि असम के होटलों, रेस्टोरेंट्स और सार्वजनिक जगहों पर बीफ पर बैन लगाया जाएगा.
योगी आदित्यनाथ का "बंटेंगे तो कटेंगे" नारा अब महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा विवाद बन चुका है. जहाx कुछ नेता इसे एकता और मजबूती की ओर इशारा मानते हैं, वहीं कई अन्य इसका विरोध कर रहे हैं.