बिहार में कुल अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, हत्या जैसे जघन्य अपराधों में लालू-राबड़ी के दौर के मुकाबले करीब 40% की कमी आई है. लेकिन, हाल के कुछ सालों में चोरी, डकैती और हत्या जैसी घटनाओं में इजाफा जरूर देखा गया है.
सबसे दर्दनाक तस्वीर तब सामने आई जब 2020 में कोविड-19 का लॉकडाउन लगा. अचानक, काम बंद हो गए और लगभग 32 लाख प्रवासी मज़दूर अपने घरों की ओर लौटने लगे. ट्रेनों, बसों और पैदल चलते हुए उन युवाओं को देखकर यह दर्दनाक सच्चाई सामने आ गई कि बिहार की आधी से ज़्यादा जवानी तो अपने घर से दूर परदेस में मजदूरी कर रही है.
Lalu Prasad Yadav: 78 की उम्र में पहुंचे लालू भले ही आज किसी के सहारे से चलते हैं, लेकिन आज भी राजनीतिक पार्टियां चुनावी रणनीति उनका सहारा ढूंढती है.