करीब 400 एकड़ का यह शहरी जंगल, जो न केवल विश्वविद्यालय का हिस्सा रहा है बल्कि सैकड़ों वन्य जीवों और जैव विविधता का घर भी, अब सरकार की विकास योजनाओं की ज़द में आ गया है.