मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपने कार्यकाल के दौरान कन्नड़ भाषा को किसी भी प्रकार की अपमान का शिकार नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा,"कर्नाटक में ऐसे हालात बन गए हैं कि कन्नड़ की रक्षा के लिए एक समिति की आवश्यकता है."