इस युद्ध की पहली आहट एक आम आदमी ने पहचानी. मई 1999 में ताशी नामग्याल नाम के एक स्थानीय चरवाहे ने बटालिक इलाके में कुछ संदिग्ध हरकतें देखीं. उन्होंने देखा कि कुछ ऐसे लोग, जो आसपास के लग नहीं रहे थे, हमारी चोटियों पर डेरा डाल रहे थे. ताशी ने बिना देर किए भारतीय सेना को खबर दी.
Kargil Vijay Diwas: मात्र 18 साल की उम्र में, योगेंद्र सिंह यादव ने ऐसी वीरता दिखाई कि उनका नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया.
PM Modi: भारतीय सेना की अग्निपथ योजना का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारी हमारी सेनाओं ने बीते वर्षों में कई साहसिक निर्णय लिए हैं. सेना द्वारा किए जरूरी रिफॉर्म का एक उदाहरण अग्निपथ स्कीम भी है.