एक हफ्ते बाद जब ननों को जमानत मिली, तो मानो सभी राजनीतिक दलों में क्रेडिट लेने की होड़ मच गई. बीजेपी की तरफ से केरल बीजेपी के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने खुद को इस लड़ाई का अगुवा साबित करने की कोशिश की. उन्होंने पार्टी महासचिव अनूप एंटनी को छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री से मिलने भेजा और जमानत मिलने के बाद ननों से भी मुलाकात की.
शारीरिक विकलांगता उनके हौसले को नहीं तोड़ पाई. कृत्रिम पैर लगवाकर उन्होंने एक नई शुरुआत की. 1999 में उन्होंने त्रिशूर ज़िले के एक माध्यमिक विद्यालय में सामाजिक विज्ञान के शिक्षक के रूप में नौकरी की.