यह पूरा परिसर पारंपरिक राजस्थानी और गुजराती वास्तुकला से सजा हुआ है. इसमें 1,000 से ज्यादा ग्रेनाइट फ्रेम का इस्तेमाल किया गया है, और लकड़ी का उपयोग न्यूनतम रखा गया है.