बादल फटने की घटनाएं बिना किसी चेतावनी के होती हैं, जिससे जान-माल का भारी नुकसान होता है. सड़कें, पुल और घर तबाह हो जाते हैं. भूस्खलन और बाढ़ से गांव बाकी दुनिया से कट जाते हैं. कठुआ में भी यही देखने को मिला, जहां गांवों का संपर्क टूट गया और कई लोग मलबे में फंस गए.