प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार-हत्या और उसके बाद कोलकाता के अस्पताल पर हुए हमले के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने भारत में डॉक्टरों की सुरक्षा की निगरानी के लिए 10 सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स (NTF) के गठन का आदेश दिया.
देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी रहने के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल पेशेवरों, खासकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बड़े मुद्दे पर विचार करने के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स (NTF) का गठन किया है.
पिछले कुछ सालों से पश्चिम बंगाल को छोड़कर देश के किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की मुखिया कोई महिला नहीं रही है. पश्चिम बंगाल के लोगों, खासकर महिलाओं को ममता बनर्जी के सीएम बनने से बहुत उम्मीदें थीं, क्योंकि वह यह सुनिश्चित करने के लिए भी जानी जाती हैं.
Kolkata Doctor Case: Kolkata में ट्रेनी Doctor से हुई दरिंदगी की घटना का विरोध भोपाल तक पहुँच गया है, भोपाल में 16 अगस्त को भोपालवासियों ने और डॉक्टरों ने मिलकर कोलकाता में देश की बेटी के साथ हुए वीभत्स कांड के विरोध में चूनाभट्टी चौराहे पर प्रदर्शन किया
आरजी कर में मेडिकल इंटर्न ने मीडिया को बताया, "दूसरे वर्ष तक मेरे अंक ठीक थे. मैं अच्छा कर रहा था. फिर मैंने हॉस्टल में कॉमन रूम की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. इसके बाद, मुझे तीसरे वर्ष की परीक्षा में फेल कर दिया गया, हॉस्टल से निलंबित कर दिया गया. यहां तक कि मैंने खुदकुशी करने की कोशिश भी की."
रिपोर्ट के मुताबिक गला दबाने से डॉक्टर की जान गई थी. ट्रेनी डॉक्टर के शरीर पर संघर्ष और चोट के निशान भी मिले हैं. उसके चेहरे पर भी खरोंच वाले जख्म मिले हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया कि जब पीड़िता को संजय रॉय ने हवस का शिकार बनाया, तब वह सो रही थी.
इस घटना के बाद देशभर में आक्रोश का माहौल है. जूनियर डॉक्टर अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन कर रहे हैं. डॉक्टरों ने सरकार से अपनी सुरक्षा की मांग की है.
हरभजन सिंह ने लिखा, "कोलकाता रेप मर्डर केस की पीड़िता को न्याय में देरी के साथ इस घटना ने हम सभी की अंतरात्मा को हिलाकर रख दिया है.