बाबा का असली नाम हरिश्चंद्र विश्वकर्मा है, और वे उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले से हैं. 50 वर्षीय हरिश्चंद्र बचपन से ही आध्यात्मिकता की ओर आकर्षित थे, लेकिन परिवार के डर के कारण वे अपनी बातों को खुलकर नहीं कह पाते थे. 16 साल की उम्र में उन्होंने समाज में फैली बुराइयों और नफरत के खिलाफ आवाज उठाने का फैसला किया और घर छोड़ दिया.
Kumbh Mela: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी के अनुसार, भोली-भाली जनता को भ्रमित कर अपने भक्तिजाल में फंसाने वाले पाखंडी बाबाओं की सूची तैयार की गई है.