इस सहमति से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत और चीन अपने मतभेदों को हल करने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं. क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है, और दोनों देशों के लिए आगे बढ़ने का एक सुनहरा अवसर भी.