लद्दाख के लोग लंबे समय से छठी अनुसूची में शामिल होने, स्वायत्तता, और राज्य का दर्जा पाने की मांग कर रहे हैं. 2019 से जब लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला, तब से यह मुद्दा उठता रहा है. केंद्र सरकार ने हाल ही में लद्दाख में नए जिलों की घोषणा की थी, लेकिन स्थानीय लोगों में इस संबंध में निराशा बनी हुई है.
मई 2020 से भारतीय और चीनी सेनाएं गतिरोध में उलझी हुई हैं और सीमा विवाद का पूर्ण समाधान अभी तक नहीं हो पाया है, हालांकि दोनों पक्ष कई टकराव बिंदुओं से पीछे हट गए हैं.
India China Conflict: भारतीय वायु सेना (IAF) ने लद्दाख में रणनीतिक लेह एयरबेस पर दूसरा रनवे बनाना काम शुरू कर चुका है. इस रनवे का उद्देश्य सेना और आर्टिलरी को आसानी से सीमा तक पहुंचान है.
Section 144 Imposed In Leh, Ladakh: डीएम की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि उन्हें विश्वसनीय जानकारी मिली है कि जिले में शांति और व्यवस्था के संभावित उल्लंघन की संभावना हो सकती है.
थोइस एक सैन्य एयरबेस है, जिसके रनवे का इस्तेमाल विशेष रूप से सशस्त्र बल के सैनिक करते हैं. लेकिन उड़ान योजना के तहत लेह से कुछ नागरिक उड़ानें देखी गई हैं.