यह कोई पहली घटना नहीं है. इस महीने की शुरुआत में ठाणे में MNS कार्यकर्ताओं ने एक दुकानदार को सिर्फ इसलिए थप्पड़ मारे थे, क्योंकि उसने पूछ लिया था कि मराठी बोलना क्यों जरूरी है. कुछ दिन बाद मुंबई के विखरोली में भी एक दुकानदार पर हमला हुआ था. इन घटनाओं ने महाराष्ट्र में भाषा के मुद्दे को और हवा दे दी है.