50 साल बाद भी कई सवाल अनुत्तरित हैं. आखिर मिश्रा को किसने मारा? क्या आनंद मार्ग सिर्फ एक बलि का बकरा था? सीबीआई की जांच में क्या कमियां थीं? क्या कोई बड़ी साजिश थी, जिसे दबा दिया गया? वैभव मिश्रा और अश्विनी चौबे जैसे लोग चाहते हैं कि एक नई जांच इन सवालों के जवाब दे.