आरएसएस के आजीवन सदस्य रतन शारदा ने लेख में लिखा, "2024 के आम चुनावों के नतीजे अति आत्मविश्वासी भाजपा कार्यकर्ताओं और कई नेताओं के लिए वास्तविकता की परीक्षा के रूप में आए हैं."