Hariyali Teej 2025: पौराणिक कथा के मुताबिक, माता पार्वती ने 108 जन्मों तक कठोर तपस्या की थी, जिसके फलस्वरूप भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था.
सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. मान्यता है कि इस दौरान भगवान शिव धरती पर ही वास करते हैं और भक्तों की प्रार्थनाएं सीधे सुनते हैं. इसलिए सावन के सोमवार का विशेष महत्व है, और इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु व्रत रखकर भगवान शिव की उपासना करते हैं.
Sawan 2025: सावन महीने को लेकर खास तरह के नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी है.
कुछ समय पहले चीन ने कैलाश पर चढ़ाई के लिए एक खास टीम बनाई थी. लेकिन जैसे ही ये खबर फैली, दुनियाभर के धार्मिक समुदायों ने इसका विरोध शुरू कर दिया. लोगों ने कहा कि ये भगवान शिव के निवास को अपवित्र करने की कोशिश है.
CG News: बालोद जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर बालोद अर्जुन्दा मुख्य मार्ग पर जगन्नाथपुर गांव में स्थित है. एक छोटा सा शिव मंदिर जो दिखने में तो काफी छोटा है लेकिन बहुत चमत्कारी हैं. जिसका निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था. इस मंदिर के निर्माण से ही गांव का नाम रखा गया हैं.
एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने चंद्रमा को पुनर्जीवित करने के लिए अपने माथे पर धारण किया था. कथा के अनुसार, चंद्रमा का विवाह दक्ष प्रजापति की 27 नक्षत्र कन्याओं के साथ हुआ था.
शिव आराधना में लीन विष्णु को यह बात पता नहीं चली. एक फूल गिरने के बाद विष्णु उसे खोजने लगे. लेकिन कोई फूल नहीं मिला. विष्णु को कमलनयन के नाम से भी जाना जाता है.