मदरसों के छात्रों को सरकारी स्कूलों में ट्रांसफर करने का निर्णय उत्तर प्रदेश सरकार ने लिया था, जो एनसीपीसीआर की रिपोर्ट पर आधारित था. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि मदरसों की मान्यता रद्द की जाए यदि वे आरटीई के नियमों का पालन नहीं करते हैं.