अजित पवार ने पर्याप्त संकेत दिए हैं कि महायुति विधानसभा चुनाव तक बनी रहेगी, जबकि तीन पार्टियां जिला परिषदों, पंचायत समितियों और नगर निगमों के चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ने का विकल्प चुन सकती हैं.