यह घटना ऐसे समय में हुई है जब ममता बनर्जी की अगुआई वाली बंगाल सरकार को अस्पताल में हुई तोड़फोड़ को लेकर कड़ी आलोचना और जांच का सामना करना पड़ रहा है.