हाई कोर्ट में ममता ने खुद अपनी पैरवी की और ऑटोप्सी रिपोर्ट पर सवाल उठाए. केमिस्ट्री प्रोफेसर होने के नाते ममता ने दावा किया कि बिजली और थर्मल से जलने के निशान में फर्क बताना बिना केमिकल टेस्ट के मुमकिन नहीं.