Uttar Pradesh: दावन में पेट दर्द से पीड़ित एक युवक ने यूट्यूब देखकर खुद का ऑपरेशन कर लिया. वृंदावन का ये युवक बेट दर्द से परेशान चल रहा था. युवक ने यूट्यूब से देख खुद ही अपना ऑपरेशन किया, जिसके लिए उसने मेडिकल से सुन्न करने का इंजेक्शन, ब्लेड और अन्य सामान लेकर आया था.
संगीत सोम का यह बयान सीधे तौर पर काशी और मथुरा के ऐतिहासिक मस्जिदों से जुड़ा हुआ है, जिन्हें विवादित रूप से मंदिरों के स्थान पर निर्मित बताया जाता है. सोम ने दावा किया है कि इन दोनों स्थानों पर भगवान भोलेनाथ और कृष्ण के भव्य मंदिर बनने चाहिए और इसके लिए किसी कोर्ट की आवश्यकता नहीं है.
UP News: मारपीट की ये घटना अस्पताल में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई है. बताया जा रहा है बीजेपी विधायक की मां महोली रोड स्थित डीएस हॉस्पिटल में भर्ती हैं, जहां उनका इलाज चल रहा था.
मथुरा के मंदिरों ने मिठाइयों की जगह फल और फूलों को प्रसाद के रूप में अपनाने का निर्णय लिया है. धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने बताया कि शुद्ध और प्राकृतिक प्रसादम पर लौटने की यह पहल आस्था की शुद्धता को बनाए रखने के लिए की गई है.
जैसे ही सोमवार-मंगलवार की मध्यरात्रि में जैसे ही 12 बजे. वैसे ही पूरा शहर भगवान श्रीकृष्ण भक्ति में डूब गया. भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशियां मनाई गईं. विद्युत साज-सज्जा से सजे इस्कॉन मंदिरों सहित सभी श्रीकृष्ण मंदिरों में लड्डू गोपाल का स्वागत किया गया.
Krishna Janmashtami: देश भर में जन्माष्टमी को धूम धाम से मनाया जा रहा है. वहीं भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान मथुरा में भी जन्माष्टमी को लेकर विशेष तैयारियां की गई है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर में जन्माष्टमी का उत्सव सुबह पांच बजे से शुरू हो गया है.
UP Mathura: पानी से भरा टंकी गिरने से सड़क पर खड़े कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं. कई घरों में टंकी का मलबा और पानी घुस गया है. हादसे में घायल लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है.
UP News: मुठभेड़ में मारे गए बदमाश की पहचान मथुरा जिले के शेरगढ़ थाना निवासी मनोज के रूप में हुई है. उसपर बलात्कार, लूट समेत कई गंभीर मामले दर्ज थे.
UP News: यूपी पुलिस ने बृहस्पतिवार देर रात को 25 हजार रुपये के इनामी मनोज उर्फ उत्तम को मुखबिर की सूचना पर घेराबंदी कर गिरफ्तार किया था.
बुधवार को इस अहम मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में चार घंटे तक सुनवाई चली थी. इस दौरान शाही ईदगाह कमेटी की ओर से दलीलें पेश की गईं.