इस कहानी के मुख्य किरदार हैं—प्रणव सिंह चैंपियन और उमेश कुमार. चैंपियन भाजपा के नेता के तौर पर पहचाने जाते हैं, वहीं उमेश निर्दलीय विधायक बने हैं.लेकिन जैसे-जैसे राजनीति में इनका मुकाबला बढ़ा, वैसे-वैसे इनके रिश्ते में खटास आ गई.