ISRO के प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ ने पहले ही बताया था कि चंद्रयान-4 को एक बार में लॉन्च नहीं किया जाएगा. इसे दो हिस्सों में अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और फिर वहां पर मॉड्यूल्स को आपस में जोड़ा जाएगा. इस तकनीक का उपयोग भविष्य में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) बनाने के लिए भी किया जाएगा, जो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का एक अहम हिस्सा होगा.